Monday, June 30, 2008

आजकल की सीख !

एक मित्र की सुनाई हुई एक सीख आज तक भुला नही हूँ ! प्रस्तुत है !

मांगी चीज कभी न दीजै , जब मांगे तबही दे दीजै
ना ही चोरी ना ही पाप , भूल जाए तो रक्खो आप !

2 comments:

  1. हा हा!! आपके मित्र काफी ज्ञानी और अनुभवी मालूम पड़ते हैं. :)

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  2. हमारे साथ हो चुका हे,

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एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !