Saturday, February 13, 2010

सुमन वर्षा !

"आपका nice मैं भी अपनाना चाह रहा हूँ  ! सप्ताह में कम से एक दिन हम लोग nice  से काम चलायें , यह सुमन जी की ईजाद  के प्रति एक इन्साफ होगा और उन्हें लोकप्रियता भी मिलेगी !"


उपरोक्त सुझाव कमेंट्स के जरिये आज मैंने अनिल पुसाद्कर के ब्लाग पर दिए हैं ! सुमन जी पर मेरा ध्यान "मेरे गीत" पर लिखी अपनी पोस्ट "ब्लाग जगत में चलता हुआ एक अघोषित युद्ध " पर किये गए कमेंट्स के कारण गया था ! ऐसी गंभीर पोस्ट पर nice  पढ़ कर पहले कुछ अजीब सा लगा मगर आज अनिल पुसाद्कर जैसे गंभीर लेख़क को भी एक ब्लाग पर यह कहते देखा कि आज मैं nice से ही काम चलाऊँगा तो लगा कि अनिल भी कुछ हद तक स्वार्थी हैं, अरे कापी करने के लिए कम से कम आभार तो व्यक्त करो सो यह एक आभार पोस्ट है सुमन वर्षा ( अरविन्द जी से आभार सहित ) के प्रति  !  


आश्चर्य का विषय है कि अक्सर पोस्ट छपने के कुछ ही क्षणों में nice लिखा हुआ मिल जाता है , इससे हम जैसे कंगाल जिन्हें  गिने  चुने कमेंट्स भी मुश्किल से ही मिलते हैं, धनवान हो जाते हैं ! सुमन जी का यह संक्षिप्त कमेंट्स जैसे डूबते को सहारा सा लगता है ! इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि पोस्ट का स्वरुप कैसा है सवाल है कि मेहनत कर के लिखी गयी पोस्ट पर उस मेहनत के लिए nice एक अच्छा पुरस्कार है ! अभी दिल्ली में में हुए ब्लागर मिलन में भी इसकी खूब चर्चा हुई थी ! सोचता हूँ कि nice देकर कम समय में बहुत से ब्लागरों को हिम्मत दे पाऊंगा  ! लोग  कुछ  तो सोचेंगे ही .... और नाम भी होगा ....! 


धन्यवाद सुमन जी को !




1 comment:

  1. सतीश भाई मैंन नाईस की शुरूआत ही सुमन जी से साभार कह कर की थी,आपने इस बारे मे ध्यान खींचा है तो फ़िर से साभार लिखा करेंगे।हा हा हा हा हा हा।मज़ा आया और इससे भी मज़ेदार है nice कहना।

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एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !