मन मयूर सा नाच रहा हो,
तब ये बातें होती हैं !
पता नहीं क्यों खाते पीते, क्लास की बातें, होती हैं ?
मन को काबू कर , हिन्दी
और ग्रामर लेकर बैठा हूँ
मगर ध्यान में बार बार, क्यों आतिशबाजी होती है !
नाना पापा की बातें सुन
नींद सी आने लगती है
ऐसे बढ़िया मौसम में, एक्जाम की बातें, होती हैं !
सारे अक्षर गडमड होते
ध्यान पेट पर जाता है,
खाने पीने के मौसम मे, दुःख की बातें, होती हैं !
विश्व रेसलिंग के मौके पर
ग्रेट खली और इंग्लिश ग्रामर, आपस में गुथ जाते हैं !
कठिन गणित का प्रश्न क्लास
में, मैडम जब समझाती हैं,
उसी समय क्यों याद हमारे, कुकरी क्लासें, आती हैं !
हाथ में बल्ला लेकर जब मैं
याद सचिन को करता हूँ ,
उसी समय में ध्यान हमारे, कृष्णा मैडम आतीं हैं !
वाह . वाह . सुंदरतम। यथार्थ। साधुवाद।
ReplyDeleteबहुत अच्छा! वास्तविकता है हम बच्चे को शान्ति से भोजन भी नहीं करने देते.
ReplyDeleteहल्के-फुल्के अंदाज़ में बहुत गंभीर प्रश्न उठाया है आपने। साधुवाद।
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