Sunday, February 28, 2010

रंग बरसे भीगे चुनर वाली रंग बरसे ... सतीश सक्सेना



होली के अवसर पर हर वर्ष की तरह कुछ मित्रों के घर और परिवार में होली मिलने और खेलने जाता रहा हूँ, जब भी बाहर निकलने की सोचता हूँ तो अक्सर उदासीन होता हूँ, मगर बाहर जवानों की भीगती हुई टोली और जोश देखकर मूड बनते देर नहीं लगती और बाकी कसर चलते हुए मस्त मयूजिक से पूरी हो जाती है ...
"रंग लेके दीवाने आगये , होली के बहाने आ गये..."
या संजीव कुमार की ढोलक की थाप और अमिताभ का मस्त और सदाबहार गीत  
"रंग बरसे भीगे चुनर वाली रंग बरसे ..."    


इस माहौल में मूड बनते देर नहीं लगती और निकल पड़ते अपने अन्तरंग यारों के घर ! मगर जिसके घर पहुंचे अधिकतर हमारे दोस्त ( ४०-६० वर्षीय ) आराम से अखबार पढ़ते और भाभी जी किचेन में होली के पकवान बनाने में व्यस्त ! जब कारण पूंछा तो एक ही जवाब बच्चे सुबह सुबह निकल गए अपने दोस्तों के घर और हम इस उम्र में होली किससे खेलें ??


मैंने आज तक एक भी मित्र ऐसा नहीं देखा जो अपनी पत्नी के साथ या पति के साथ होली खेलते देखा गया हो !    
वंदना अवस्थी दुबे   ने होली पर एक परिचर्चा का आयोजन किया  "होली के रंग-किसके संग?" 






यदि आपको चुनना हो तो किसे चुनेंगे? पत्नी, प्रेयसी, मित्र या अन्य कोई....

और आज जब वंदना जी यही जवाब ब्लाग जगत में पूंछा तो अधिकांश दिग्गजों ने जो शादी शुदा थे एक ही रहस्य उद्घाटन किया कि वे सिर्फ पत्नी के साथ ही होली खेलना पसंद करते हैं  किसी को भी अपने केशव स्वरुप की याद नहीं आयी हर जगह का माहौल राम मय ही था  ! 
पहली बार लगा हिन्दी ब्लॉग जगत में  कितनी  ईमानदारी है  दिल चाहे कुछ भी कहे ...
हमारा दिल तो ऐसे माहौल में यही कहता है कि 
"दिल कहे रुकजा रे रुकजा यहीं पर कहीं 
जो बात इस जगह है , कहीं पर नहीं  " 
मगर अब इस उम्र में इस आवाज को सुने कौन ???
सो बीवी से यही कहेंगे ' तुम दिन को अगर रात कहो रात कहेंगे .....

18 comments:

  1. तुम दिन को अगर रात कहो रात कहेंगे घर में सद्भावना पूर्ण माहौल बनाये रखने के लिए ये ही कहना जरूरी है...हा हा हा हा ...होली की शुभकामनाएं...
    नीरज

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  2. ऐसे सवालों के ऐसे ही जवाब मिलेंगे. आखिर कौन पत्नी के अलावा किसी और का नाम लेगा.

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  3. इस बार रंग लगाना तो.. ऐसा रंग लगाना.. के ताउम्र ना छूटे..
    ना हिन्दू पहिचाना जाये ना मुसलमाँ.. ऐसा रंग लगाना..
    लहू का रंग तो अन्दर ही रह जाता है.. जब तक पहचाना जाये सड़कों पे बह जाता है..
    कोई बाहर का पक्का रंग लगाना..
    के बस इंसां पहचाना जाये.. ना हिन्दू पहचाना जाये..
    ना मुसलमाँ पहचाना जाये.. बस इंसां पहचाना जाये..
    इस बार.. ऐसा रंग लगाना...
    (और आज पहली बार ब्लॉग पर बुला रहा हूँ.. शायद आपकी भी टांग खींची हो मैंने होली में..)

    होली की उतनी शुभ कामनाएं जितनी मैंने और आपने मिलके भी ना बांटी हों...

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  4. सतीशजी, देखिये हमने तो सच कहा है वहां खेलें चाहें जिसके साथ लेकिन हम कहेंगे हमेशा कि अपनी पत्नी के साथ ही खेलेंगें।
    टाइपो के चलते ऊपर वहां भी की जगह ही हो गया। आखिर जीवन साथी का भी कुछ हक तो होता ही है। कम से कम होली के दिन तो है ही। है कि नहीं?

    होली मुबारक!

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  5. भैय्या रंग बरस गया है .... होली की हार्दिक शुभकामनाये .

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  6. सतीश जी .... सच कहा है .....
    आपको और आपके परिवार को होली की बहुत बहुत शुभ-कामनाएँ .....

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  7. sun ni hee padti hai biwi ji satish bhai....

    bhukt bhogi hain sabhi yaahaan...

    holi mubaarak!

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  8. अब खेलें चाहे किसी के भी साथ लेकिन टिप्पणी में तो यही लिखना पड़ेगा ना कि ...बीवी के साथ ही होली खेलेंगे :-)

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  9. जो हो - ली , उनके संग होली ... ! ... ?
    हैप्पी होली।

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  10. Aapko aur aapke samasth pariwaar ko holi ki rangarang shubhkaamna...!!

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  11. हम तो सच बोलने के चक्कर में मारे गये...बीबी ने पढ़ लिया. :)




    ये रंग भरा त्यौहार, चलो हम होली खेलें
    प्रीत की बहे बयार, चलो हम होली खेलें.
    पाले जितने द्वेष, चलो उनको बिसरा दें,
    खुशी की हो बौछार,चलो हम होली खेलें.


    आप एवं आपके परिवार को होली मुबारक.

    -समीर लाल ’समीर’

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  12. ांहमने तो अपने पति के साथ ही होली खेली है न यकीन हो तो मेरे ब्लाग पर देख लीजिये। होली की आपको व परिवार को हार्दिक शुभकामनायें

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  13. अच्छा लिखा है। होली की शुभकामनाएं।

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  14. अरे वाह! मज़ा आ गया. होली की शुभकामनायें.

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  15. होली तो हो ली...:-)
    आपको भी रंगोत्सव की हार्दिक शुभकामनाऎँ!!

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  16. होली की अनेको शुभकामनाएं !!

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  17. Rajy Sabha main jis tarah se mahila arachhan vidhayak paas kiya gaya bah Sarmnak hai.

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