Friday, August 6, 2010
विलक्षण लेखन प्रतिभा के धनी खुशदीप सहगल - सतीश सक्सेना
अगर आपको खुशियों का चरम आनंद, अपने पिता के साथ लेते, एक २५ वर्षीय बच्चे को महसूस करना हो तो खुशदीप सहगल की लिखी यह लघु कथा अवश्य पढ़ें ! यह मेरे जीवन में पढी गयी सबसे सुन्दर और जीवंत घटना है ! लेखनी और विलक्षण प्रतिभा के धनी खुशदीप जी ने इसे जीवंत बना दिया ....
http://deshnama.blogspot.com/2010/04/blog-post_09.html
ब्लाग जगत में लिखे गए लेखों में से, अगर सबसे अधिक संग्रहणीय और उदाहरण देने योग्य वाकयात , देखने हैं तो देशनामा शायद अग्रणीय ब्लाग्स में से एक अवश्य होगा ! जितनी सरलता और हँसते हुए खुशदीप लिखते हैं शायद ही कोई उन जैसा होगा !
अतुलनीय प्रतिभा के धनी खुशदीप सहगल जी टीवी में वरिष्ठ प्रोडयूसर है !
http://deshnama.blogspot.com/2010/04/blog-post_09.html
ब्लाग जगत में लिखे गए लेखों में से, अगर सबसे अधिक संग्रहणीय और उदाहरण देने योग्य वाकयात , देखने हैं तो देशनामा शायद अग्रणीय ब्लाग्स में से एक अवश्य होगा ! जितनी सरलता और हँसते हुए खुशदीप लिखते हैं शायद ही कोई उन जैसा होगा !
अतुलनीय प्रतिभा के धनी खुशदीप सहगल जी टीवी में वरिष्ठ प्रोडयूसर है !
10 comments:
एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !
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छोटी छोटी घटनाओं के माध्यम से गंभीर तथ्यों को समझा देते हैं वे !!
ReplyDeleteबहुत सही कहा आपने.
ReplyDeleteरामराम
खुशदीप जी के लेखन के तो हम भी कायल हैं जी
ReplyDeleteकहानी पढने जा रहा हूँ।
और सही कहा आपने खुशदीप जी का ब्लाग अग्रणी होगा नही, बल्कि है।
प्रणाम स्वीकार करें
सतीश जी - धन्यवाद आपने खुशदीप जी का लिंक दिया. बहुत ही सुंदर प्रस्तुति थी.
ReplyDeletevery very very sesible writer
ReplyDelete............khusdip sehgal
आपसे हो कर देशनामा तक पहुंचा, धन्यवाद.
ReplyDeleteभैया धन्यवाद इतनी सुन्दर कहानी पढवाने के लिए, भैया आपकी अपनत्व से भरी टिप्पणियाँ पढ़कर अभिभूत हूँ, इसी तरह स्नेह बनाए रखियेगा!
ReplyDelete.
ReplyDeleteसहमत हूँ आपसे।
.
सहगल भाई की प्रतिभा से परिचय कराने का शुक्रिया।
ReplyDelete---------
मिलिए तंत्र मंत्र वाले गुरूजी से।
भेदभाव करते हैं वे ही जिनकी पूजा कम है।
इस लघुकथा का लिंक देने के लिये आपको बहुत-बहुत धन्यवाद.
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