श्री सुरेश चिपलूनकर(सभी ब्लॉगर इस विवाह में आमंत्रित हैं…) के ब्लाग पर एक विवाह निमंत्रण छपा देखकर मन हुआ कि इसे अपने ब्लाग पर जगह दूँ , सो आपलोगों की नज़र है यह निमंत्रण !
शुभ विवाह……… शुभ विवाह………… शुभ विवाह……
अमंगलम् गुटखा खाद्यम धूम्रपानं, अमंगलं सर्वव्यसनम्कराग्रे वसते बीड़ी, करमध्ये चुरुटम्, करमूले स्थितो गुटखायाः प्रभाते कर दर्शनं
दुर्भाग्यवती – बीड़ी कुमारी उर्फ़ सिगरेट देवी
कुपुत्री श्री तम्बाकूलाल एवं श्रीमती तेंदूपत्ता बाई
निवासी – 420, यमलोक हाऊस, दुःखनगर
…के संग
मृतात्मा – कैंसर कुमार उर्फ़ लाईलाज बाबू
कुपुत्र – श्री गुटखालाल जी एवं श्रीमती भांग देवी
निवासी – गलत रास्ता, व्यसनपुर (नशाप्रदेश)
का अशुभ विवाह बड़े ही अमंगल समय पर तय हुआ है।
अतः इस भयानक प्रसंग पर चाचा गांजासिंह, चाची अफ़ीम देवी, दादा हुक्काराम, दादी सुल्फ़ीदेवी, मामा चरसराम, मामी शराब देवी, देवर ड्रग कुमार, नाना चाय सिंह, नानी कॉफ़ीदेवी, ताऊ चूनाराम, फ़ूफ़ा जर्दाराम, जैसे खतरनाक बुजुर्गों की उपस्थिति में नवदम्पति को अभिशाप प्रदान करने हेतु सादर आमंत्रित हैं…
विवाह समय – अनिश्चित काल विवाह स्थल – श्मशान घाट मैरिज गार्डन, चिन्ता भवन, कष्ट मोहल्ला, दुर्गति गली, दुःखनगर (जिला परलोकपुर)
दर्शनाभिलाषी:
सेठ दमादास, श्रीमती टीबी बाई,
श्रीमती खांसीबाई एवं समस्त नशे की गोलियां
हेरोइन के सभी इंजेक्शन तथा कुख्यात पिच्च-थू परिवार
बाल मनुहार : “हमाली बदबूदाल बुआजी की छादी में जलूल-जलूल आना” - कटी-छिली सुपारी
सौजन्य: http://blog.sureshchiplunkar.com/2008/10/no-smoking-act-ambumani-ramdaus.html
बारातियों के लिये नोट –
1) बारात एम्बूलेंस से कैंसर अस्पताल होते हुए काल घड़ी में श्मशान घाट मैरिज गार्डन पहुँचेगी।
2) बारातियों का स्वागत चिलम के एक-एक सुट्टे से किया जायेगा व यमराज महाशय का आशीर्वाद मुफ़्त में मिलेगा।
आगंतुकों से अनुरोध है कि वे चाहें तो अपने ईष्ट मित्रों को भी साथ ला सकते हैं…
भाई सक्सेना जी हम इस ब्याह में व्यवहार के लिफाफे में तम्बाकू समर्पण करते पर हम तो इससे बहुत पहले ही दूर हैं सो बिना कुछ लिफाफा भेंट दिए ही वापस निकल रहे हैं :)
ReplyDeleteBahut badiya. par sagun kya dun! nasa chode to kafi samay ho gaya hai. yahi soch raha hun.
ReplyDeleteआपके यहाँ फिर से पढ़ा..फिर से मजा आया.
ReplyDeleteहमारी तरफ़ से इस आशुभ विवाह पर ढेरॊ अशुभ कमान्ये,हमारी तरफ़ से एक खाली दारू की बोतल भेट करे.
ReplyDeleteधन्यवाद
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ReplyDeleteवाह सक्सेना साहेब मज़ा बाँध दिया =आज के माहोल का निमंत्रण पत्र / अंतर केवल इतना है की हम इसे मात्र हास्य रचना समझ कर पढ़ कर हंस लेंगे /आपने इसमे क्या रहस्य भर डाला है यह तो केवल और केवल आप ही जान पायेंगे /विकृति पूर्ण स्थिथि का सजीव चित्रण /
ReplyDeleteसक्सेना जी एक बार आपने मुझे लिखा था की अपना चित्र ब्लॉग में डालदो / उस पर से चित्र डालने की वजाय मैंने एक छोटी सी तुकवन्दी आपके अब्लोक्नार्थ प्रस्तुत की है ,नजर डालियेगा
भाई साहब एक व्यंग्नुमा संदेश तो आपने दे ही दिया ! पर
ReplyDeleteइसको पढ़ते २ हमारा इतना पेट दुःख गया उसके इलाज का खर्चा भेजिए ! :)
mazza aagya
ReplyDeletereally i love whey u describe the issue
regards
बोले तो एक और कुंवारा शहीद हो गया .... इसके पुराने आज़ाद दीनो की याद में एक जाम हो जाए ...
ReplyDeletevah kya baat hai.
ReplyDelete.
ReplyDeleteअमाँ यार, यह क्या इंतज़ाम है, सक्सेना जी ?
इतने दिन से श्मशान में टहला रहे हो, बारात कब आयेगी ? जल्दी से वर-वधू को लाने की व्यवस्था करो, फूँक फाँक के अपने रस्ते चला जाये !
बहुत-बहुत धन्यवाद! सतीश जी.
ReplyDeleteदूल्हा- दुल्हन सहित सभी बरातियों को भी म्रृत्यु देवी मुबारक हो.